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सोमवार, 15 मार्च 2021

Swami Vivekananda , Book, Quotes, Death, Age, Wife, Biography & More

  

Introduction  ( प्रस्तावना )  

 

    जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते यह कथन था भारत के महान गुरु स्वामी विवेकानन्द का जो की एक तेजवशी युवा के रूप में सामने आये। 

   आज हम  स्वामी विवेकानंद  ( Swami  Vivekananda) के बारे में बात  करने वाले हैं हमारे कई मित्रों को  स्वामी विवेकानंद बारे में जानकारी (  Swami  Vivekananda , Book, Quotes, Death, Age, Wife, Biography & More  ) चाहिए थी।

 तो चलिए स्वामी विवेकानंद के जीवन परिचय ( Swami  Vivekananda , Book, Quotes, Death, Age, Wife, Biography & More ) के बारे में जानते हैं!


TABLE OF CONTENT 

  • Introduction  ( प्रस्तावना ) 
  • Swami  Vivekananda  Quick Bio 
  • Swami  Vivekananda  Biography 
  • Swami  Vivekananda's   Education 
  • Swami  Vivekananda's Short Story 
  • Swami  Vivekananda Book
  • The fact  of  Swami  Vivekananda's 
  • Swami  Vivekananda   Wife
  • Swami  Vivekananda  Quotes in Hindi
  • SANDEEP  MAHESHWARI  ON  SWAMI VIVEKANANDA 
  • Conclusion  (  निष्कर्ष  )  


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Swami  Vivekananda  Quick Bio 


   नाम

 स्वामी विवेकानंद

 पिता का  नाम 

 विश्वनाथ दत्ता

 माता का नाम 

 भुवनेश्वरी देवी

  जन्म तिथि

 January12, 1863 

  जन्म स्थान

   कलकत्ता, बंगाल प्रेसीडेंसी (अब पश्चिम बंगाल में कोलकाता)

 शिक्षा

 कलकत्ता मेट्रोपॉलिटन स्कूल; प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता

 संस्थाएँ

 रामकृष्ण मठ; रामकृष्ण मिशन; वेदांत सोसायटी ऑफ न्यूयॉर्क

 धार्मिक दृश्य

  हिंदू धर्म

 दर्शन

 अद्वैत वेदांत

 प्रकाशन

 कर्म योग (1896); राज योग (1896); कोलंबो से अल्मोड़ा के लिए व्याख्यान (1897); माई मास्टर (1901)

 स्मारक

 बेलूर मठ, बेलूर, पश्चिम बंगाल

 गुरु

 रामकृष्ण

 मृत्यु

 4 जुलाई, 1902

 मृत्यु का स्थान

 बेलूर मठ, बेलूर, बंगाल



Swami  Vivekananda  Biography 



         स्वामी विवेकानन्द  भारत में नहीं बल्कि पुरे दुनिया में अपनी पावर फुल स्पीच के जरिये भारतीय  संस्कृति की खुशबू फैलाई।  स्वामी विवेकानन्द जी का मानना था की अपने  टारगेट को पाने के लिए तब तक कोशिश करते रहना चाहिए जब तक की वह टारगेट हासिल न हो जाये क्युकी जितना बड़ा संहर्ष होगा जीत उतना ही बड़ी होगी।  
स्वामी विवेकानन्द  के विचार  इतने तीव्र थे की बड़े बड़े लोग उनके विचार से  इंस्पायर हुए बिना नहीं रह पाते थे।  

  
   स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी सन 1863 को हुआ।  उनका जन्म कलकत्ता के बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था , उनके बचपन का नाम नरेंद्र दत्त था।  उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था , जो की कलकत्ता के जाने माने वकील थे ,और माता का नाम भुनेश्वरी  दत्त था , जो की एक धार्मिक महिला थी जिनका ज्यादा तर समय भगवान शिव की पूजा करने में निकलता था। 

  अक्सर नरेंद्र की माता उन्हें रामायण और महाभारत , पुरानी कहनी सुनी करती थी ऐसे अच्छे विचार में रहने के कारण उनकी सोच और विचार को नई राह मिली।  

कुछ समय बाद उन्हने अपनी पढ़ाई पूर्ण कर ली।  1881 में वे स्वामी राम कृष्ण परमहंस जी से मिले उनके नेक विचार बालक नरेंद्र के दिल को छू  लिए तभी से बालक नरेंद्र ने राम कृष्ण परम हंस को अपना गुरु बना लिया और उनके बताये रास्ते पर चल कर लोगो की सेवा करने का फैसला किया।  तभी से उनका नाम बालक नरेंद्र से स्वामी विवेकानन्द पढ़ गया।  

उनके गुरु की मृत्यु के बाद स्वामी विवेकानंद ने  गाँव जा - जा कर ज्ञान सुनाया जिससे बहुत सख्या में लोग उन्हें जानने लगे।  अब नन्द जी अमेरिका गए अमेरिका में वे एक सभा में शामिल हुए किन्तु वहा के लोगो को उनकी वेश भूषा पसंद नहीं आई और उन्हें वहा स्टेज में जाने का मौका नहीं दिया गया।  हलाकी वहा के एक प्रोफेसर के आग्रह करने पर उन्हें स्टेज में बुलाया गया नन्द जी के कुछ देर बोलने के बाद ही वहा की जनता उनकी प्रशंसा करने लगी उन्होंने उनके स्वागत में पुरे दो मिनट तक ताली बजाई।  

अब नन्द जी जगह जगह जा कर ज्ञान  सुनाने लगे कुछ समय बाद उनकी स्वास्थ खराब होने लगी और 4 जुलाई 1902 को शरीर छोड़ भगवान को प्यारे हो गए।  


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Swami  Vivekananda's   Education 

  विवेकानन्द ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर मेट्रोपोलिटन इंस्टीटूशन से अपनी शुरुआती पढ़ाई की और फिर 1879 में  प्रेसीडेंसी  कॉलेज कलकत्ता के इंट्रेंस एग्जाम में वे टॉपर रहे और फिर वहा पर उन्होंने  फिलोसोफी , हिस्ट्री एवं सोशल साइंस  इन सब विषय में महारत हासिल की।  
सन 1884 में उन्होंने बेचलर की डिग्री पूरी कर ली।  


Swami  Vivekananda's Short Story 

एक दिन की बात है। स्वामी विवेकानंद जी पुस्तकालय  गए जहां उन्होंने बहुत सारी बुक पढ़ी उन्होंने  कुछ लेखक की  बहुत सारी पुस्तक को अलग  रखा और ग्रंथालय से उन सभी पुस्तक को अपने नाम पर दर्ज करा कर उसे घर ले गए।  अगले दिन सुबह उन्होंने सारी बुक वापिस जमा कर दी तभी वहा के सर ने कहा क्या आपने सारी बुक पढ़ ली ? उन्होंने कहा जी हां मैंने सारी बुक पढ़ ली।  यह सुन कर सर  आश्चर्य चकित हो गए ये सुन कर उन्हें यकीन नहीं हुआ बाद में  उन्होंने पता किया तो पता चला की उन्होंने एक दिन में पूरी बुक पढ़ ली थी।   


Swami  Vivekananda Book

  • Thus spake Vivekananda 
  • shakitidayi vichar 
  • christ the messenger 
  • Nachuk Tahate Shyama
  • Our Women Swami Vivekananda
  • Caste, Culture, and Socialism
  • To the youth of India
  • Thoughts of power
  • Be one with God: A guiding light to mankind Swami Vivekananda
  • My Play is Done
  • My Life and Mission
  •  Complete Works
  • Buddhism, the Fulfilment of Hinduism
  • Work and It's Secret
  • To the Fourth of July
  • The Chicago addresses Swami Vivekananda
  • Education Swami Vivekananda
  • Living at the source
  • My Idea of Education
  • Letters of Swami Vivekananda
  • The East and the West
  • Rousing Call to the Hindu Nation
  • Bartaman Bharat
  • Addresses on Bhakti Yoga
  • Vivekananda Reader
  • Vedanta: Voice of Freedom
  • The Yoga Sutras of Patanjali Swami Vivekananda
  • Lectures on the Bhagavad Gita  Swami Vivekananda
  • The Complete Works of Swami Vivekananda
  • Raja Yoga
  • Meditation and Its Methods
  • Karma Yoga
  • The Powers of the Mind
  • My India: The India Eternal
  • Complete Book of Yoga
  • Inspired Talks


The fact  of  Swami  Vivekananda's 

  • क्या आप जानते हैं स्वामी विवेकानन्द का दिमाग इतना तेज और शांत था की वे 500 पेज की पूरी बुक 1 दिन में याद कर लेते थे। 
  • क्या आप जानते हैं  स्वामी विवेकानन्द मात्र  39 साल की कम उम्र में ही भगवान को प्यारे हो गए थे। 
  • क्या आप जानते हैं  स्वामी विवेका नन्द का  पसंदीदा काम ध्यान लगाना था।  



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Swami  Vivekananda   Wife

दोस्तों स्वामी विवेकानन्द जी  आजीवन अविवाहित थे।  ये फैसला उन्होंने उनके गुरु राम कृष्ण परम् हंस से मिलने के बाद किया उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगो की सेवा में बिताया हैं। 



Swami  Vivekananda  Quotes in Hindi


 चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।


उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।


दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।


खुद को कमजोर समझना दुनिया का सबसे बड़ा पाप हैं।  


जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते ।

 

SANDEEP  MAHESHWARI  ON  SWAMI VIVEKANANDA 

दोस्तों मशहूर  मोटिवेशनल स्पीकर संदीप माहेश्वरी ने स्वामी विवेकानंद के बारे में कुछ अपने तर्क दिए हैं नीचे दिए वीडियो में आप सभी इसे सुन सकते हो।  

  



Conclusion  (  निष्कर्ष  )  


आप सभी को  स्वामी विवेकानंद  के जीवन से बहुत कुछ सीखने मिला होगा सबसे महत्वपुर्ण  बात जीवन में कभी हार नहीं मानना चाहिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए क्योकि कोशिश करने वाली की हार नहीं होती।  

आपके पास Swami  Vivekananda  in Hindi मैं और जानकारी  हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट। अगर आपको Life History Of  Swami  Vivekananda in Hindi Language अच्छी लगे तो जरुर हमें WhatsApp Status और Facebook पर Share कीजिये।


 

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